आज सबकुछ डिजिटल हो गया है। टेक्नोलॉजी के अपने फायदे हैं, तो उसके नुकसान भी हैं। इससे बच्चों में किताब पढ़ने की आदत लगभग खत्म होती जा रही है। बच्चे अपना ज्यादातर समय ऑनलाइन गेम या क्लास में लगा रहे हैं। ऐसे में उनकी भाषा, उच्चारण की समझ और शब्दों का ज्ञान सीमित होता जा रहा है, जो उनके लिए सही नहीं है। साथ ही किताबों से हमें सिर्फ जानकारी और ज्ञान ही नहीं मिलता है। किताबे पढ़ने से बच्चे में धैर्य, सोचने-समझने की क्षमता, लिखावट और स्मरण शक्ति का भी विकास होता है। इससे बच्चा खुद से कहानियां बनना और लिखना भी सीखता है। किताबे पढ़ने से बच्चों में एकाग्रता बढ़ती है और नींद भी अच्छी आती है। इसलिए एक अध्यापक के रूप में अपने बच्चे में किताब पढ़ने की आदत का विकास करना चाहता हूँ । बच्चे में किताब पढ़ने की आदत डालने के लिए उन्हें लाइब्रेरी में लेकर जाते है । लाइब्रेरी एक ऐसी जगह है, जहां बच्चा अपनी मनपसंद किताब पढ़ सकता है। लाइब्रेरी में उनको अनेको गतिविधियों के माध्यम से पढ़ने की आदतमेंमें वृद्धि करते है
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