डिजिटल क्रांति के बावजूद पुस्तकें पढ़ने वालों की संख्या में कमी नहीं आई बल्कि वृद्धि ही हुई है। हर वर्ग और हर उम्र के लोग किताबें पढ़ना चाह रहे हैं। यह बात अलग है कि अब उनकी पसंद परंपरागत साहित्य पुस्तकों के साथ-साथ अपनी रूचि और जरूरत के अनुरूप व्यापक हो गई है। समय था जब साहित्य का पर्याय मोटे-मोटे उपन्यास कहानी संग्रह जीवनियां कविता संग्रह और निबंधात्मक पुस्तकें होती। पी एम श्री केंद्रीय विद्यालय कोप्पल में "पुस्तक मेला" का आयोजन किया गया।जिसका उद्धघाटन प्राचार्य महोदय ने रिबन काट कर किया। मेले में पहुंचे विद्यालय के विधार्थी और उनके अभिभावकों ने अपने पसंद की पुस्तके देखी।पुस्तक मेले में विद्यालय के कक्षा 1 से 10 तक के सभी छात्र -छात्राओं ने भाग लिया। मेले में छात्रों के परिजनों ने भी भाग लिया।
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Wednesday, March 27, 2024
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